Mrigavati kis kaal ki rachna hai

मृगावती किस काल की रचना है?

[A] वीरगाथाकाल
[B] आदिकाल
[C] भक्तिकाल 
[D] रीतिकाल


Explanation: मृगावती भक्तिकाल काल की रचना है। भक्तिकाल 1350 ई. से 1650 ई. तक माना जाता है। मृगावती की रचना कुतबन ने सन 909 हिजरी ( संवत 1558) में लिखा था। भक्तिकाल को दो काव्य धाराओं में विभाजित किया गया है। 
I) निर्गुण काव्यधारा II) सर्गुण काव्यधारा

I) निर्गुण काव्यधारा : निर्गुण काव्यधारा को भी दो धाराओं में विभाजित किया गया है। 
I) संत काव्य धारा II) सूफी काव्य धारा

कुतबन भक्तिकाल के निर्गुण काव्यधारा के सूफी काव्य धारा  के प्रमुख रचनाकार में से एक है। मृगावती में चंद्रनगर के राजा गणपतिदेव के राजकुमार और कंचनपुर के राजा रूपमुरारी की बेटी मृगवती की प्रेम कहानी का वर्णन किया गया है। 

इस कहानी के माध्यम से कवि ने प्रेम मार्ग के त्याग और पीड़ा को चित्रित करके ईश्वर के प्रेम के स्वरूप को दिखाया है। समय-समय पर सूफियों की शैली पर एक सुंदर रहस्यमय आध्यात्मिक प्रभाव भी दिखाई पड़ता है।